रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Saturday, 16 June 2012
साथ समंदर पार छों sat samandar par chon
साथ समंदर
पार छों
पर मन सि तेरा
पास छ !
रंग बिरंगी
दुनियां छोड़ी
जाणि किलै
तेरी आस छ !!
प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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