रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Saturday, 16 June 2012
क्वी सुपिन्याँ kwi supinyan
क्वी सुपिन्याँ मा आई
कै सुपिन्यों आई .
मेरी बात कुछ और छ
मेरी त ज़िन्दगी ही
सुपिन्यु बणि ग्याई ,
प्रभात सेमवाल ( अजाण ) सर्वाधिकार सुरक्षित
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