रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Saturday, 23 June 2012
अजणों सि ajano si
स्यु आई अजणों सि
जरा घड़ेक बच्याई
अर चलिगै बिरणों सि
मै देखदी रै ग्याई
थो कभि यु मेरा पराणो सि
प्रभात सेमवाल ( अजाण ) सर्वाधिकार सुरक्षित
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