रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Sunday, 10 June 2012
पिड़ा तेरी pida teri
पिड़ा तेरी
बाँटी सकदु
त बाँटी लेंद !
घो तेरा
साँटी सकुदु
त साँटी लेंद !!
प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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