तुमारी खुद " बुडा " जी अब खुद बणिक ही रै ग्याई ,!
मेरा घर ओणा सी पहली ही दुनियां छोड़ी चली ग्याई !!
मन मा ममता की मूरत विचारो मा थे भारी गहराई !
आज फिर छ्क्वेक रोई मन याद जब तुमारी आई !!
( बुडा जी आप तें कबी भूली नि पोलू )
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