रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Monday, 14 May 2012
रंग बिरांगा rang biranga
रंग बिरांगा खिल्यां फुलौं सि माया लगाणु
दुन्याँ की पुराणी रीत छ !
कभि फुलौं की ड़ाई सि भि माया लगे देखा
दुरु-दुरु तक ह़ार नि जीत छ !!
( प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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