चलि गै जु वैका ओणा आस क्य कन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
मन मा रै जान्दु सोच्युं थो जु मन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
क्य त्यारू क्या कैकु क्वी दोष
युत बांधयुं विधाता कु बंधन
चलि गै जु वैका ओणा आस क्य कन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
त्यारू म्यारु यु त्यारू अर म्यारु
जनम जनमों कु रिस्तु नि छन
चलि गै जु वैका ओणा आस क्य कन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
होंस उलार य उलारया होंस
नि रैंदी सदानि नि ये योवन
चलि गै जु वैका ओणा आस क्य कन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
गाणयों का ई स्याणियों का सागर
नि हुंदा कम जनि का था तन
चलि गै जु वैका ओणा आस क्य कन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
चलि जांदु जु छुडिक चलि जांदु
नि ओंद बोड़िक समझोण मन
चलि गै जु वैका ओणा आस क्य कन
न रवै न रवै ये तेन ही बोल्दा जीवन
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