लूट मचीं छ नेतागिरी की
लूटी सक्यां त लूट फिरी की
न क्वी पढ़े न लिखै चैंदी
नि चैंद क्वी डिप्लोमा डिगरी
न क्वी काम न क्वी काज
न द्याड़ी न ही क्वी मजदूरी
नेता गिरी की भल्ली सार
चलदी रैंदी या पीढ़ी पीढ़ी
नेता गिरी छ कमालै चीज़
करि द्यान्दी सब्बी आस पूरी
नेता गिरी मा कुर्सी कु सवाल
आज मीरी त भोळ तीरी
प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित