रैबार

Thursday, 14 May 2015

नेता गिरी
















लूट मचीं छ नेतागिरी की
लूटी सक्यां त लूट फिरी की

न क्वी पढ़े न लिखै चैंदी
नि चैंद क्वी डिप्लोमा डिगरी

न क्वी काम न क्वी काज
न द्याड़ी न ही क्वी मजदूरी

नेता गिरी की भल्ली सार
चलदी रैंदी या पीढ़ी पीढ़ी

नेता गिरी छ कमालै चीज़
करि द्यान्दी सब्बी आस पूरी

नेता गिरी मा कुर्सी कु सवाल
आज मीरी त भोळ तीरी


प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित