पाई पोषी बि सुख नि पाई
सदानि ही खैरी खाई
छुटा मा त्वै ख्याल खिलाई
हाथ पकड़ी हिटणु सिखाई
अपु रै भुखा त्वै खाणु दयाई
त्यरा बाना कु बिपदा नि खाई
पाई पोषी बि सुख नि पाई
सदानि ही खैरी खाई
अपु रै नंगा त्वै तेन पैराई
हूंद क्या दुन्या त्वै बताई
भल्ला बुरा फरक बिगाई
त्यरा बाना किक्या नि काई
पाई पोषी बि सुख नि पाई
सदानि ही खैरी खाई
सदानि ही खैरी खाई
थ्वड़ा बडू ह्वै स्कुल पढ़ाई
द्याड़ी कै तेन फीस पुरयाई
बडु बणलु मन सणि बुंथ्याई
पर तू भारी निरदै निठुर छाई
पाई पोषी बि सुख नि पाई
सदानि ही खैरी खाई
सदानि ही खैरी खाई
हे बिधाता कनु जोग रंचाई
अपणु खून बिराणु ह्वै ग्याई
बगत कन्नु यु निर्दे निठुर आई
बिपदा कु भार माथा ल्याई
पाई पोषी बि सुख नि पाई
सदानि ही खैरी खाई
सदानि ही खैरी खाई
सोचदै सारि उमर कटै ग्याई
आंखि बाटु द्याखदी रै ग्याई
वैकि कुछ खबर नि आई
म्यारु सुपिन्यु सुपिन्यु रै ग्याई
पाई पोषी बि सुख नि पाई
सदानि ही खैरी खाई
प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
सदानि ही खैरी खाई
प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित