रैबार

Friday, 10 April 2015

दीखी मैन dikhee main














सैरी उमर निरुगी हुणा की जैकी मरोड़ थै
स्यु ब्याळी बीमार दीखी मैन
दूर खडू हसणु थो परसि मीरी गरीबी पर
रुन्दु ब्याळी बजार दीखी मैन

सब कुछ हुणा बाद भी मुख मा हंसी नि
हरघड़ी ओंकी टकरार दिखी मीन
भूखा छै बिंडी दिन  रातों बिटिन फिरबि
उंका मनमा उलार दिखी मैन

जीत का जोश मा जैकी नजर अगास थै
वैकि चोदिशों हार दिखी मैन
साथ सबुका साथ साथ चलण वाळा की
हर जगा जै-जै कार दिखी मैन

अकड़ मा खडू थो अपणी नादानी की
बगद वैकु घरबार दिखी मैन
परसि तलक यकुली यकुली रैण वाळ का
दगड़ा सैरु संगसार दिखी मैन


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