रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Monday, 13 August 2012
अगर agar
अगर अख्यों आंसू
क्वी मोल होन्दु.
अगर मन की बातो
क्वी तोल होन्दु.
ज़रूर दुनिया मा
मीरु भि नोऊ होन्दु .
प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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