रैबार

Friday, 13 July 2012

पहाड़ ब्वनु pahad bwanu















पहाड़ ब्वनु -

छोडि त्वेन मै

मैन  त्वै  कबि  नि  छोडि

मै आज भि

तेरी जाग तू आई नि बोडि


पहाड़ ब्वनु -

दूर मुल्क जैकि

दुरी त्वेन मै सि बणाई

मैन फिर बि

रीस्तु नातू त्वेसि नि तोडि


पहाड़ ब्वनु -

बाटू त्यारू जाणि

कब  बीटि  देखुणु  छ

एक तू जब बीटि गै

एकबार भि  मुख नि मोडि 

           प्रभात सेमवाल ( अजाण ) सर्वाधिकार सुरक्षित