हिम्मत तें कन्क्वे हिम्मत दैण
हिम्मत नि होणि !
पिड़ा तन मा वै का छन अर
आँखी मैरी रोणि !!
घैल पराणी का हाल घैल दुन्याँ
तें क्या बताण !
न आज तक कैन समझि न अब
कैन समझि पाण !!
हम तन द्वी छन पर मन एक छे
कैतें दिखै नि पाई !
बस यकुलि सिखदी हि रै मै पर
कैतें सिखै नि पाई !!
प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित