मुख न तू खोल तेरा बोल लि जालू
यु वक्त त्वे तें बेची मोल लि जालू
रुकी सकदु तू रुकी ले ये तें गैल्या
एक दिन यू तेरी हेंसी तें भि लि जालू
जै पर तेरु भारी भारोसु छ एक दिन
मन मा राख्यां तेरा विचार भि लि जालू
फिर कभि नि आला इ सब बोडिक तें
मन मा तेरा प्रभात सिरप इंतजार रे जालू .
प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित