रैबार

Saturday, 7 April 2012

हर दुखयारी अंख्यों har dukhyari ankhyon












हर दुखयारी अंख्यों की

पीड़ा देखि नि पाई .

हर  मयाली  अंख्यों की 

माया समझि नि पाई


लोग बोल्दिन स्यु बोया बाणियों

छे आज ब्याई 

पर कैन भी ते बोया का मनकी

बिंगी नि पाई .

                      प्रभात सेमवाल  (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित