रैबार

Thursday, 23 February 2012

त्वे सी दूर twe si dur




















त्वे सि  दूर एकि   खुद  क्या  होंदी
आज मैन जाणी !
अपड़ा मन अप्वे जब समझे निपै
फिर त्वेतें माणी !!


तू मेरी सदानि हि  रै पर मै कभि
तेरु   ह्व़े  नि  पाई! 
आज जब तेरा ओणा आस नि रै 
अपडु भरोषु नि राई !! 


मेरी हर बात तें भलू-भलू  बताणु 
याद आज फिर आणु !
मेरा हर  राग तें  बार-बार सुनाणु 
अभिबी मै भूली नि पाणु  !!

मेरा खातिर दुनियां छोड़ी जाणकि 
करीं सों अर करार !
आज फिर मैतेनं याद आणु अपडुनि 
विंकू सचु स्यु प्यार .!!



                      प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित