रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Wednesday, 22 February 2012
नेगी जी negi ji
नेगी जी गढ़वाल
सदानि तुमारु रिणी रालू
अगर दुनियाँ मा
गढ़वाली बोल भाषा बाणी जाळी
त तुमारु नो सबसी पहली आलू .
प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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