रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Friday, 22 July 2011
मेरु क्या होणु meru kya honu
तिन मेरु क्या होणु ?
तू आपडू हि नि ह्व़े पाई. !!
त्वे सी आस क्या कन ?
तेरु विश्वास हि नि राइ , !!
प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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