रैबार ( raibar )
गढ़वाली कविता अर गीत . प्रभात सेमवाल ( अजाण )
रैबार
Monday, 27 August 2012
त्यारी tyari
त्यारी भावनाओं
क्वी मोल नि
दुरंगी दुन्या का
बाजारों मा .
त्यरा एक सच कु
क्वी तोल नि
यख झुटा छ
हजारों मा .
प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित
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