रैबार

Wednesday, 25 July 2012

सुमन suman























शत शत नमन सुमन तुम  तेन

म्यरा मुल्कै सान छै तुम

गर्व छ गढ़-गढ़वाल तेन तुम पर

म्यरा मुल्कै मान छै तुम

                         
मन हिमालय का धवल सि

होंसला गंगा कि धार सि

गहराई समंदर सि

ऊँचाई  मा असमान छै तुम 


सीख ओण वाळी पीड़ी की

बाटू बिरड़याँ बट्वै कु

आस-निरासों की

देशभक्ति कु अमिट निसान छै तुम


सत सत नमन सुमन तुम तेन

म्यरा मुल्कै सान छै तुम

गर्व छ गढ़-गढ़वाल तेन तुम पर

म्यरा मुल्कै मान छै तुम

          प्रभात सेमवाल ( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित