रैबार

Thursday 14 May 2015

म्यारू मन बोयेगी


















म्यारु मन बोयेगी 
तीरी माया मा 
तू कैतें माया लांदी 
तीरु पता ना 

जब द्यका ये मन तैं 
तीरी छ जाग 
तु कुजाणि कैकि छ 
क्या मीरु भाग 
मीरु यु तिसाळू मन 
तिसाळु ही छां 

जूठा सुपिन्या त्यरा सी 
मैतेन रिझान्दा 
दिन रात बस मैतेन 
याद आन्दा 
सुपिन्यु मा हर्ची ग्यों मै 
त्यरा सुपिन्युं मां 

सुदि सारा लग्युं छ 
म्यारु यु पराण 
ये पराणी का हाल 
कैतें क्या बताण 
दुन्या भि निठुर छ
तु भि निर्दे छां 


प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित