रैबार

Monday 21 October 2013

मैतेन न छोड़ी maiten na chori

















मी जग छोड़ी द्योलु

तू मैतेन न छोड़ी  

मी दुन्या जोड़ी द्योलु 

तू मैतेन न तोड़ी 



तेरा बिगर यकुली अब 

नि रै सकदु 

जख तलक नजर जांदी 

त्वै तें द्यखदु

अख्यों मा आस छ 

मन मा विश्वास 

कबि न कबि तू आलि बोड़ी

मी जग छोड़ी द्योलु

तू मैतेन न छो......... 



बक्त गैल आज म्यरा नि 

कबि न कबि त आलु 

आज संग मी त्यरा नि 

कबि न कबि त रोलु 

वे बक्त का ओण तक 

एक हेका का होण तक 

कखि मुख न तू  मोड़ी

मी जग छोड़ी द्योलु

तू मैतेन न छो.….


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